उम्र चाहे जो भी हो हर दौर में आकर्षक दिखना चाहती है स्त्री। वह चाहे तो 50 पार भी सुंदर और आकर्षक नजर आ सकती है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि पहले की तरह ही मेकअप किट की जरूरत पडेगी। उम्र बढना और बडी उम्र की दिखने में काफी अंतर है। कई स्त्रियों की उम्र उनके चेहरे से पता नहीं चलती, क्योंकि वे त्वचा की देखभाल सही तरीके से करती हैं और मेकअप करते समय भी जरूरी बातों का ध्यान रखती हैं।
अगर आप भी उम्र के इस पडाव पर दस्तक दे चुकी हैं तो यहां दिए गए स्मार्ट मेकअप टिप्स अपनाकर हर दिन आकर्षक और खूबसूरत दिख सकती हैं।
नैचरल लेकिन बेहतरीन
बात जब 50 पार की हो तो कम से कम मेकअप ही जरूरी है, क्योंकि उम्र के निशान अब तक नजर आने लगते हैं। ऐसे में गहरा मेकअप करने से वे अधिक साफ नजर आने लगेंगे। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढती है होंठ पतले होते जाते हैं। जाहिर है पतले होंठों को मोटा दिखाने के लिए आपको एक खास तकनीक अपनानी होगी। मसलन न्यूट्रल कलर्ड लिपलाइनर से लिपलाइन बनाने के बाद हलकी लिपस्टिक लगाएं और होंठों के बीचोबीच शाइनी ग्लॉस लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि होंठों की आउटलाइन बनाने के लिए कभी भी गहरे और कॉन्ट्रास्ट कलर का लिपलाइनर न चुनें।
आंखों को बनाएं आकर्षक
उम्र बढने साथ-साथ आंखों के आकार में भी बदलाव आता है। त्वचा में कुदरती नमी और लचीलेपन में कमी आने के कारण आंखें पहले से थोडी छोटी हो जाती हैं। ऐसे में लिक्विड आइलाइनर के बजाय पेंसिल आइलाइनर का इस्तेमाल करना ठीक रहता है। बहुत ही प्रॉमिनेंट आई लुक इस उम्र में अच्छा नहीं लगता। पेंसिल का कलर भी हलका होना चाहिए।
मोटी भौंहें (आइब्रोज)
इस उम्र में भौंहों का आकार लगभग नैचरल रखना चाहिए। पतली भौंहें अजीब लगती हैं। कोंब करने के बाद अगर भौंहों के बीच गैप नजर आए तो उसे अपने बालों के रंग से एक शेड गहरी पेंसिल से कवर कर सकती हैं। मोटी भौहें आपको जवां और ताजगी से भरा दिखाने में मदद करेंगी।
शिमर को कहें बाय
शिमर और पर्ल कलर्स का इस्तेमाल भूल कर भी न करें। यह बारीक रेखाओं को आसानी से फोकस कर देते हैं। बेहतर होगा, इनके प्रयोग से बचा जाए। बजाय इनके न्यूट्रल शेड्स को प्राथमिकता दें, जो आसानी से ब्लेंड हो जाएं। ऐसे हर मेकअप प्रोडक्ट से बचें, जो चेहरे के दोष को उभारे, न कि छिपाए।
बेस जरूरी नहीं
इस उम्र में आमतौर पर स्त्रियां जो भूल करती हैं, वह है पूरे चेहरे पर बेस लगाना। जबकि पूरे चेहरे पर फाउंडेशन/ बेस लगाना जरूरी नहीं है। कोई जरूरी नहीं है कि जब आप यंग थीं तब आपकी त्वचा की जो समस्या थी वह आज भी हो। इसलिए फाउंडेशन के बजाय टिंटेड मॉयस्चराइजर इस्तेमाल करना अधिक सुरक्षित होगा। यही नियम होंठों के मेकअप के साथ भी लागू होता है। चेहरे के किसी एक हिस्से को ही फोकस करना समझदारी है।
ब्लशर का इस्तेमाल
ब्लशर का प्रयोग करना चाहती हैं तो शॉफ्ट और नैचरल टोंस वाले शेड्स चुनें। मसलन ब्राउनिश पिंक, रेजिन और वाइन शेड। ध्यान रहे ब्लशर सिर्फ गालों पर लगाएं न कि चीक्स बोन पर और अच्छी तरह ब्लेंड करें।
जब लगाना हो मस्कारा
मस्कारा मेकअप का बहुत अहम हिस्सा है। इस उम्र में ऊपरी बरौनियों पर वॉल्यूमाइजिंग फॉम्र्युला वाला मस्कारा लगाना बेस्ट होता है। निचली बरौनियों पर मस्कारा या आइलाइनर या वॉटर लाइन बनाने से आंखें अधिक छोटी नजर आएंगी। इसलिए ऊपरी लैशेज (बरौनियों) पर एक कोट वॉल्यूमाइजिंग मस्कारा लगाएं।
मेकअप प्राइमर
50 के पार की स्त्रियों के लिए मेकअप प्राइमर सबसे जरूरी मेकअप प्रोडक्ट है। प्राइमर लंबे समय तक मेकअप को बरकरार रखता है और इससे चेहरे पर खास चमक नजर आती है। इसके लिए बेस से पहले इलुमिनेटिंग प्राइमर लगाना न भूलें।
कंसीलर छिपाए काले घेरे
त्वचा के दोष, काले घेरे और बारीक झुर्रियों को छिपाने के लिए कंसीलर का इस्तेमाल बहुत जरूरी है। यह आंखों के नीचे बने बैग्स को काफी हद तक छिपाने में मदद करेगा। आंखों के भीतरी और बाहरी कोनों पर कंसीलर का प्रयोग जरूर करें। इससे आंखें बडी और जवां भी नजर आएंगी।
न्यूट्रल आईशैडो
आईशैडो का इस्तेमाल करते समय इस बात का ध्यान रखें कि न्यूट्रल कलर्स ही चुनें। डीप और डार्क कलर्स पलकों को काफी हैवी और धंसी हुई दर्शाते हैं, इसलिए इनके प्रयोग से बचें। लाइट और सॉफ्ट कलर वाले आईशैडो का इस्तेमाल करें और हलके हाथों से लगाएं। अच्छी तरह ब्लेंड करें। आईशैडो के हलके टच से ही आंखें आकर्षक नजर आने लगेंगी।
जरूरी प्रोडक्ट्स
* एंटी एजिंग क्रीम
* मेकअप प्राइमर विद एसपीएफ
* मिनरलाइज सैटिन फिनिश फाउंडेशन
* रिकवर एंटी फटीग कंसीलर
* लॉन्ग प्रिटी लैशेज मस्कारा
* ग्लाइड-ऑन आइलाइनर / क्रे ऑन कोल आइलाइनर
* मल्टीपल हाइलाइटर
* बॉबी ब्राउन न्यूड लिपस्टिक
* मोजैक आई शैडो
* मेकअप ब्रश सेट
* लेमन ड्रॉप लिप बाम विद एसपीएफ
* डार्क ब्राउन परफेक्ट ब्रो पेंसिल
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